第二章 中国古代基于时间的医学理论
由于日月星辰的运转与地球上的气候、农作物的生长等休戚相关,从而也与人的生命活动和健康休戚相关,古代的医家很早就建立了基于时间的中医学理论。
从总体上说,古代的时间医学理论大约可分为两大部分:一是属于针灸学术流派的子午流注、灵龟八法;一是基于《素问》的五运六气学说。其中属于针灸学术流派的子午流注、灵龟八法一直在民间流传并被应用于临床,其实际应用多少还算成熟;但五运六气学说,虽然历代流传并受历史上众多名医推崇,但历代并没有明确地用五运六气理论指导临床治病的纪录。
前人的经验是后人的宝藏,接下来的章节中,我将和大家一起来研读古代的基于时间的医学理论,并且努力对其理论作出进一步分析以利于对其发展,或者给出它们更明确地应用于临床治疗的步骤与方法。我们将从子午流注理论开始我们的行程。
第一节 子午流注理论
子午流注针法产生于宋、金之际。古代的针灸医家在临床中发现人体的穴位犹如自然界的潮汐,随时间的变化而定时地“开”和“阖”。于是他们总结了人体部分穴位的这种“开”“阖”规律,并且将之应用于针灸临床,指导针灸临床的选穴,并且取得了非同一般的临床疗效。由于不同的医家发现的随时间而“开”“阖”的穴位不同,从而子午流注针法也有多个不同的流派。我们逐个来看。
一、养子时刻注穴法
如果你读专门讲述养子时刻注穴法的书,你会发现它的理论看上去好像颇为复杂,其实那些看上去颇为复杂的叙述你完全可以直接跳过去。我们只要直接来看这理论的开穴表就行。
“养子时刻注穴”时干开穴表
日干 | 时辰 | 小时 | 1-24分 | 24-48分 | 48-72分 | 72-96分 | 96-120 | 附注 |
甲日
己日 | 甲子 | 23-1时 | 窍阴 | 前谷 | 陷谷、丘墟 | 阳溪 | 委中 |
|
乙丑 | 1-3时 | 大敦 | 少府 | 太白 | 经渠 | 阴谷 |
| |
丙寅 | 3-5时 | 少泽 | 内庭 | 三间、腕骨 | 昆仑 | 阳陵泉 |
| |
丁卯 | 5-7时 | 少冲 | 大都 | 太渊 | 复溜 | 曲泉 |
| |
戊辰 | 7-9时 | 关冲 | 液门 | 中渚、阳池 | 支沟 | 天井 | 胃气纳三焦 | |
己巳 | 9-11时 | 隐白 | 鱼际 | 太溪 | 中封 | 少海 | 脾引血行 | |
庚午 | 11-13时 | 商阳 | 通谷 | 临泣、合谷 | 阳谷 | 足三里 |
| |
辛未 | 13-15时 | 少商 | 然谷 | 太冲 | 灵道 | 阳陵泉 |
| |
壬申 | 15-17时 | 至阴 | 侠溪 | 后溪、京骨 | 解溪 | 曲池 |
| |
癸酉 | 17-19时 | 中冲 | 劳宫 | 大陵 | 间使 | 曲泽 | 肾血纳包络 | |
甲戌 | 19-21时 | 窍阴 | 前谷 | 陷谷、丘墟 | 阳溪 | 委中 | 胆引气行 | |
乙亥 | 21-23时 | 大敦 | 少府 | 太白 | 经渠 | 阴谷 |
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日干 | 时辰 | 小时 | 1-24分 | 24-48分 | 48-72分 | 72-96分 | 96-120 | 附注 |
乙日
庚日 | 丙子 | 23-1时 | 少泽 | 内庭 | 三间、腕骨 | 昆仑 | 阳陵泉 |
|
丁丑 | 1-3时 | 少冲 | 大都 | 太渊 | 复溜 | 曲泉 |
| |
戊寅 | 3-5时 | 厉兑 | 二间 | 束骨、冲阳 | 阳辅 | 小海 |
| |
己卯 | 5-7时 | 中冲 | 劳宫 | 大陵 | 间使 | 曲泽 | 脾血纳包络 | |
庚辰 | 7-9时 | 商阳 | 通谷 | 临泣、合谷 | 阳谷 | 足三里 | 大肠引气下行 | |
辛巳 | 9-11时 | 少商 | 然谷 | 太冲 | 灵道 | 阳陵泉 |
| |
壬午 | 11-13时 | 至阴 | 侠溪 | 后溪、京骨 | 解溪 | 曲池 |
| |
癸未 | 13-15时 | 涌泉 | 行间 | 神门 | 商丘 | 尺泽 |
| |
甲申 | 15-17时 | 关冲 | 液门 | 中渚、阳池 | 支沟 | 天井 | 胆气纳三焦 | |
乙酉 | 17-19时 | 大敦 | 少府 | 太白 | 经渠 | 阴谷 | 肝引血行 | |
丙戌 | 19-21时 | 少泽 | 内庭 | 三间、腕 | 昆仑 | 阳陵泉 |
| |
丁亥 | 21-23时 | 少冲 | 大都 | 太渊 | 复溜 | 曲泉 |
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日干 | 时辰 | 小时 | 1-24分 | 24-48分 | 48-72分 | 72-96分 | 96-120 | 附注 |
丙日
辛日 | 戊子 | 23-1时 | 厉兑 | 二间 | 束骨、冲阳 | 阳辅 | 小海 |
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己丑 | 1-3时 | 隐白 | 鱼际 | 太溪 | 中封 | 少海 |
| |
庚寅 | 3-5时 | 关冲 | 液门 | 中渚、阳池 | 支沟 | 天井 | 大肠气纳三焦 | |
辛卯 | 5-7时 | 少商 | 然谷 | 太冲 | 灵道 | 阳陵泉 | 肺引血行 | |
壬辰 | 7-9时 | 至阴 | 侠溪 | 后溪、京骨 | 解溪 | 曲池 |
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癸巳 | 9-11时 | 涌泉 | 行间 | 神门 | 商丘 | 尺泽 |
| |
甲午 | 11-13时 | 窍阴 | 前谷 | 陷谷、丘墟 | 阳溪 | 委中 |
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乙未 | 13-15时 | 中冲 | 劳宫 | 大陵 | 间使 | 曲泽 | 肝血纳包络 | |
丙申 | 15-17时 | 少泽 | 内庭 | 三间、腕骨 | 昆仑 | 阳陵泉 | 小肠引气行 | |
丁酉 | 17-19时 | 少冲 | 大都 | 太渊 | 复溜 | 曲泉 |
| |
戊戌 | 19-21时 | 厉兑 | 二间 | 束骨、冲阳 | 阳辅 | 小海 |
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己亥 | 21-23时 | 隐白 | 鱼际 | 太溪 | 中封 | 少海 |
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日干 | 时辰 | 小时 | 1-24分 | 24-48分 | 48-72分 | 72-96分 | 96-120 | 附注 |
丁日
壬日 | 庚子 | 23-1时 | 商阳 | 通谷 | 临泣、合谷 | 阳谷 | 足三里 |
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辛丑 | 1-3时 | 中冲 | 劳宫 | 大陵 | 间使 | 曲泽 | 肺血纳包络 | |
壬寅 | 3-5时 | 至阴 | 侠溪 | 后溪、京骨 | 解溪 | 曲池 | 膀胱引气行 | |
癸卯 | 5-7时 | 涌泉 | 行间 | 神门 | 商丘 | 尺泽 |
| |
甲辰 | 7-9时 | 窍阴 | 前谷 | 陷谷、丘墟 | 阳溪 | 委中 |
| |
乙巳 | 9-11时 | 大敦 | 少府 | 太白 | 经渠 | 阴谷 |
| |
丙午 | 11-13时 | 关冲 | 液门 | 中渚、阳池 | 支沟 | 天井 | 肠气纳三焦 | |
丁未 | 13-15时 | 少冲 | 大都 | 太渊 | 复溜 | 曲泉 | 心引血行 | |
戊申 | 15-17时 | 厉兑 | 二间 | 束骨、冲阳 | 阳辅 | 小海 |
| |
己酉 | 17-19时 | 隐白 | 鱼际 | 太溪 | 中封 | 少海 |
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庚戌 | 19-21时 | 商阳 | 通谷 | 临泣、合谷 | 阳谷 | 足三里 |
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辛亥 | 21-23时 | 少商 | 然谷 | 太冲 | 灵道 | 阴陵泉 |
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日干 | 时辰 | 小时 | 1-24分 | 24-48分 | 48-72分 | 72-96分 | 96-120 | 附注 |
戊日
癸日 | 壬子 | 23-1时 | 关冲 | 液门 | 中渚、阳池 | 支沟 | 天井 | 膀胱气纳三焦 |
癸丑 | 1-3时 | 涌泉 | 行间 | 神门 | 商丘 | 尺泽 |
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甲寅 | 3-5时 | 窍阴 | 前谷 | 陷谷、丘墟 | 阳溪 | 委中 |
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乙卯 | 5-7时 | 大敦 | 少府 | 太白 | 经渠 | 阴谷 |
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丙辰 | 7-9时 | 少泽 | 内庭 | 三间、腕骨 | 昆仑 | 阳陵泉 |
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丁巳 | 9-11时 | 中冲 | 劳宫 | 大陵 | 间使 | 曲泽 | 心血纳包络 | |
戊午 | 11-13时 | 厉兑 | 二间 | 束骨、冲阳 | 阳辅 | 小海 | 胃引气行 | |
己未 | 13-15时 | 隐白 | 鱼际 | 太溪 | 中封 | 少海 |
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庚申 | 15-17时 | 商阳 | 通谷 | 临泣、合谷 | 阳谷 | 足三里 |
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辛酉 | 17-19时 | 少商 | 然谷 | 太冲 | 灵道 | 阴陵泉 |
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壬戌 | 19-21时 | 至阴 | 侠溪 | 后溪、京骨 | 解溪 | 曲池 |
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癸亥 | 21-23时 | 涌泉 | 行间 | 神门 | 商丘 | 尺泽 | 肾引血行 |
上面的穴位详细罗列了哪个时间段什么穴位开。我称它为养子时刻注穴法的基本理论。
关于此理论在针灸临床上的具体应用请看本书附录里的有关说明。我一向认为,一个基本理论在实际中的使用,其实有若干种方法,可以按照具体的情况用得非常地灵活。这种具体理论在临床中的具体使用,不属于本书讨论的重点范围,所以在本书不作重点介绍,仅在书后附录中附一篇大略的说明。